धर्म डेस्क। 15 मार्च मंगलवार से होलाष्टक शुरू हो गए हैं। दो तिथी होने के काण होलिका दहन को लेकर असमंजस की स्थिति है। पंडितों का कहना है कि 22 मार्च को पूर्णिमा तिथि रात्रि के समय में विद्यमान रहेगी, इसलिए इसी दिन होलिका दहन किया जाएगा, साथ ही अगले दिन धुरेली होगा।
रात 11 बजे होगा दहन
पंडित प्रहलाद पंड्या का कहना है कि 22 मार्च को पूर्णिमा तिथि दोपहर से आकर अगले दिन दोपहर बाद तक विद्यमान रहेगी, इसलिए रात्रिकालीन पूर्णिमा युक्त तिथि में 22 मार्च को ही होलिका दहन करना श्रेयकर होगा। इस दिन चूकी भद्रा भी है, लेकिन रात्रि में भद्रा का पूंछ काल रहेगा, इसलिए 22 मार्च की रात्रि 11 से 1 बजे के बीच होलिका दहन करना शुभ होगा।
22 मार्च से आ जाएगी पूर्णिमा
पं. जगदीश शर्मा के अनुसार 22 मार्च को पूर्णिमा तिथि दोपहर 2:21 मिनट से आएगी, जो अगले दिन दोपहर 3 बजकर 52 मिनट तक रहेगी। होलिका दहन मंगलवार को उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में करना शुभ होगा। इस बार होली के दिन भद्रा भी है, लेकिन भद्रा का वास पाताल में होने के कारण इसका दोष नहीं होगा, पूंछ काल में होलिका दहन किया जा सकता है, अगले दिन पूर्णिमा तिथि शाम के पहले ही खत्म हो जाएगी, इसलिए 22 मार्च को ही होलिका दहन होगा।