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इंजीनियरिंग डिजाइनिंग में भी बना सकते हैं करियर

carrer0 मैं बीसीए फाइनल ईयर का छात्र हूं। मेरी कंप्यूटर के साथ मैनेजमेंट में भी रुचि है। आगे चलकर मुझे कौन सा कोर्स करना चाहिए?
– आप कंप्यूटर एप्लीकेशंस का कोर्स कर रहे हैं और मैनेजमेंट में भी रुचि है तो आपके लिए एमबीए-आईटी सबसे बेहतर विकल्प है। एमबीए-आईटी कोर्स मैनेजमेंट स्टूडेंट के लिए ही तैयार किया गया है। देश के कई टॉप इंस्टीट्यूट्स में यह कोर्स मौजूद है। इनमें कैट, ज़ैट, मैट, सीमैट जैसी परीक्षाओं के जरिए प्रवेश मिलता है।

0 मैं नॉन-मेडिकल स्ट्रीम का बारहवीं का छात्र हूं। मेरा एक सब्जेक्ट इंजीनियरिंग डिजाइन भी है और मैं आर्किटेक्चर या एनिमेशन में करियर बनाना चाहता हूं। इसके लिए क्या करना होगा?
– ड्रॉइंग स्किल्स अच्छी हों तो आर्किटेक्चर में करियर बनाना एक बेहतर विकल्प है, लेकिन इसके लिए 10+2 में मैथ्स एक सब्जेक्ट होना जरूरी है। इसके अलावा देश में आर्किटेक्चर कोर्स में प्रवेश के लिए नाटा क्लियर करना जरूरी है। इसके लिए कंप्यूटर और ड्रॉइंग स्किल अनिवार्य है। आप एनिमेशन और मल्टीमीडिया से संबंधित डिग्री या डिप्लोमा कोर्स कर इस फील्ड में एंट्री हासिल कर सकते हैं।

0 मैंने बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है। लेकिन इंटर्नशिप नहीं की है। अब मुझे क्या करना चाहिए- एमबीए की डिग्री या फिर पहले नौकरी?
– एमबीए की डिग्री से पहले थोड़ा बहुत वर्क एक्सपीरियंस मिल जाए तो काफी फायदेमंद हो सकता है। एमबीए प्रोग्राम में थ्योरी और प्रैक्टिकल नॉलेज के साथ केस स्टडी के जरिए छात्रों को बिजनेस की कार्यप्रणाली के बारे में बताया जाता है। एक्सपीरियंस के साथ एमबीए की डिग्री हो तो आपको बेहतर पैकेज वाली नौकरी आसानी से मिल सकती है।

0 मैं लग्जरी ब्रांड मैनेजमेंट का मास्टर कोर्सं करना चाहता हूं। मुझे बताएं कि भारत में इसका क्या स्कोप है?
– शहरी इलाकों में मिडिल क्लास के विस्तार के साथ भारत में लग्जरी ब्रांड प्रोडक्ट्स का बाजार भी लगातार बढ़ रहा है। लेकिन करियर का नया फील्ड होने के चलते लग्जरी ब्रांड मैनेजमेंट कोर्स बहुत कम संस्थानों में ही उपलब्ध है। आईआईएम-अहमदाबाद का ग्लोबल मैनेजमेंट प्रोग्राम इसका एक विकल्प है। कुछ संस्थानों में यह रिटेल मैनेजमेंट कोर्स का ही एक हिस्सा है।

0 मैंने साइकोलॉजी में ग्रेजुएशन किया है। अब मुझे क्लीनिकल साइकोलॉजी और ऑर्गेनइजेशन बिहेवियर में से किसे चुनना चाहिए?
– क्लीनिकल साइकोलॅजी का संबंध मेंटल डिसऑडर्स के इलाज से है और ऑर्गेनज़इजेशन बिहेवियर का वर्कप्लेस पर कर्मचारियों के व्यवहार तथा परफॉर्मेंस से है। करियर के लिहाज से दोनों बेहतर हैं। यूके की यूनिवर्सिटीज़ में एक साल का मास्टर कोर्स उपलब्ध है, लेकिन भारत में इसे दो साल के मास्टर डिग्री के बराबर मान्यता नहीं है। देश में दिल्ली यूनिवर्सिटी, मुंबई यूनिवर्सिटी, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस जैसे कई संस्थानों से भी ये कोर्स कर सकते हैं।

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