
पश्चिम, उत्तर और मध्य भारत में घरों में जब महिलाएं व्रत रखती हैं तो उनके पास फलहार का सबसे अच्छा विकल्प होता है साबूदाना. साबूदाना की खिचड़ी और वडे किसे पसंद नहीं होते. पर सोचने वाली बात यह है कि आखिर व्रत के दौरान साबूदाना ही क्यों खाते हैं?
दरअसल एक्सपर्ट बताते हैं साबूदाना काफी गुणकारी होता है. यह एनर्जी से भरपूर होता है इसलिए व्रत के दौरान साबूदाना खाने से कमजोरी महसूस नहीं होती. इसमें फोलिक एसिड और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स अधिक मात्रा में होता है. जो महिलाओं में रक्त संचार को प्रभावी रखता है और उन्हें थकान नहीं आने देता. इसके अलावा और भी कई लाभ हैं साबूदाने के—
गर्भावस्था के दौरान खाएं साबूदाना
रिचर्स बताते हैं कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को साबूदाने का भरपूर मात्रा में उपयोग करना चाहिए. दरअसल इसमें फोलिक एसिड और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स होता है, जो गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास में सहायक होता है. इसके अलावा साबूदाना कार्बोहाइड्रेट का एक अच्छा स्त्रोत है. इसलिए जिन लोगों का वजन कम है उन्हें साबूदाना खाना चाहिए. ईटिंग डिसऑर्डर की समस्या से परेशान लोगों के लिए साबूदाना किसी वरदान से कम नहीं है
हड्डियां बनती हैं मजबूत
साबूदाने में कैल्शियम, आयरन, विटामिन-के भरपूर मात्रा में होता है. यह सभी तत्व हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं. साबूदाने में पाया जाने वाला पोटेशियम रक्त संचार को बेहतर कर, उसे नियंत्रित करता है, जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है. यह पाचनक्रिया को ठीक कर गैस, अपच आदि समस्याओं में भी लाभ देता है.
गर्मी में देता है राहत
एक शोध के अनुसार साबूदाना शरीन में बढ़ने वाली गर्मी को कम करने में सहायक है. यदि इसे चावल के साथ खाया जाए तो शरीर का ताप नियंत्रित रहता है. अक्सर पेट खराब होने पर दस्त या अतिसार की समस्या होती है. यदि ऐसे समय में दूध डाले साबूदाने की बनी हुई खीर खाई जाए तो तत्काल आराम मिलता है. वैसे स्वास्थ्य के साथ साबूदाना खबूसूरती में चार चांद लगाने में भी मददगार है. साबूदाने का फेसमास्क बनाकर लगाया जाए तो त्वचार में कसाव आता है.
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