एक तरफा प्यार में डूबे किसी आशिक ने राह चलती लड़की पर एसिड फेंक दिया! यह वाक्या शायद आम हो सकता है पर जब एक पिता अपनी ही दुधमुंही बच्ची को एसिड से नहला दे तो उसे क्या कहेंगे? यह हादसा उस लड़की की जिंदगी है, जो आज पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा बनी है पर जब भी वह खुद को आईने में देखती है अपने पिता की दरिंदगी से सहम जाती है.
हम बात कर रहे हैं एसिड अटैक सरवाइवर अनमोल की. अनमोल का नाम फैशन की दुनिया में अब किसी पहचान का मोहताज नहीं है. आज हम जिस अनमोल को जानते है वह संघर्ष का जीता जागता उदाहरण है और उन महिलाओं के लिए एक मिसाल है जो हमेशा परिस्थितियों को दोषी मानते हुए आगे बढ़ाने से इंकार कर देती हैं.
बेटे की ख्वाहिश का शिकार
भारतीय समाज की व्यवस्था कुछ इस तरह की है कि हम बेटियों को आगे बढ़ाने की चाहे जितनी बातें कर लें लेकिन परिवार में बेटा न हो तो उसे पूरा नहीं माना जाता. कुछ परिवार एकाध बेटी को स्वीकार कर अगली बार बेटे की चाह रहते हैं पर अनमोल उस पिता की संतान थी जिसे बेटी शब्द से ही नफरत थी.
अनमोल बताती हैं कि जब वे महज दो माह की थीं तब पिता ने उस पर एसिड फेंक दिया. जिस वक्त यह घटना घटी अनमोल अपनी माह की गोद में दूध पी रही थीं. पिता की मंशा थी कि इस हमले में दोनों मां बेटी मर जाएंगी. हालांकि किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. इस दुर्घटना में अनमोल के सिर से मां का साया उठ गया. वह एसिड अटैक में बुरी तरह झुलसी और मौके पर ही मौत हो गई जबकि उन्होंने मरने से पहले ही अनमोल को खुद से दूर फेंका ताकि वह जिंदा बच सके.
मां तो नहीं रही पर एसिड में सुलसी नन्ही अनमोल बिलखती रही. आस पडोस के लोगों ने उसे अस्पताल में दाखिल किया. पिता हमले के बाद से ही फरार रहे. इलाज के खर्च को देखते हुए और अनमोल की खराब शक्ल के कारण उसे रिश्तेदारों ने भी नहीं अपनाया.
सब डरते थे मेरे चेहरे से
किसी का साथ नहीं मिला तो सरकारी अस्पताल के नर्स और डॉक्टर्स ने ही पांच साल तक अनमोल की परवरिश की. इन सालों में उसके घाव तो भर गए पर चेहरा बुरी तरह खराब हो गया. पांच साल बाद श्री मानव सेवा संघ शेल्टर होम अनमोल का नया आशियाना बना. यहां अनमोल के जैसे ही कई अनाथ बच्चे रहते थे. पर दुख बस इतना था कि उनमें से कोई भी उसका दोस्त नहीं बना.
वजह यह थी कि अनमोल का चेहरा एसिड अटैक के कारण खराब हो चुका था. छोटे बच्चों को वह डरावनी लगती थी. खुद अनमोल भी अपने चेहरे के बाकी बच्चों से अलग होने से परेशान थी. वह कहती हैं कि “मैं अक्सर आया से पूछती थी कि मैं बाकी बच्चों से अलग क्यों हूं? वो मुझसे कहती थीं कि भगवान सबसे ज्यादा तुम्हें प्यार करते हैं इसलिए तुम खास हो.” हालांकि धीरे—धीरे सब ठीक होने लगा. बच्चे मुझे समझने लगे और फिर मैं भी समझ गई कि मैंं “खास” क्यों हूं?
चुनी फैशन की राह
यूं तो लड़की का खूबसूरत चेहरा हर क्षेत्र की पहली मांग है. यदि उसे शादी करके घर बसाना हो या फिर मेहनत के बल पर खुद की पहचान बनानी हो. हमारे देश में लड़की का खूबसूरत होना उसके सारे गुणों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. स्कूल और कॉलेज के दौरान अनमोल यह बात बहुत अच्छे से समझ चुकी थी. लेकिन उसने ठाना कि वह एक दिन इस धारणा को बदलकर रहेगी.
आखिर अनमोल ने अपने करियर की राह चुनी फैशन की दुनिया में. वह दुनिया जो खूबसूरत चेहरों से घिरी हुई है. फैशन जगत में खुद को स्थापित करना अनमोल जेसी लड़कियों के लिए नामुमकिन माना जाता है. लेकिन बिना हार माने, लोगों की हर तरह की बातों को सुनते हुए अनमोल आगे बढती रही. उसने अपने चेहरे से नहीं बल्कि अपने आत्मविश्वास और क्रिएटिविटी के बल पर लोगों को जुबान बंद कर दी. आज की तारीख में अनमोल फैशन वल्र्ड का जाना पहचाना चेहरा है. वह चेहरा जो कभी डरावना था!