स्पेशल डेस्क। शादी तय होने के बाद जब कभी आंखे बंद करते तो सुनहरे सपने नजर आने लगते। सपनों वो जिसमें जीवनसाथी के साथ प्यार के लम्हे बिताने कुछ गुदगुदाने और रूठने-मनाने के जाने कितने ही सारे किस्से होते हैं। इन्ही के हकीकत बनने के सफर में दिन और रातें कटतीं। पर जब भयावह जीवन से आमना-सामना होता तो सारे सपने एक पल में चकना चूर हो जाते। वो फूलों की सेज जब कांटों में बदल जाए, वो छूअन जिससे रोम-रोम कांपने की बजाए डर से थर्रा जाए, वो मुस्कान जो अट्टाहस में तब्दील हो जाए तो ऐसा लगता है मानों पैरों तले जमीन खिसक गई। दरअसल यह दंश भारत की 75 फीसदी महिलाएं झेलतीं हैं। जी हां शादी के बाद होने वाले दुराचार की न तो शिकायत है न सुनवाई। समाज की माने तो यह कोई अपराध ही नहीं बल्कि सामान्य जीवन का अंग है। लेकिन उस देह का क्या जो सालों तक उस खुरचन को बर्दाश्त करती है और फिर सवेरे मुस्कुराती है….
आज तक नहीं बनी सहमति
2013 जनवरी में जस्टिस जे एस वर्मा समिति ने जब आपराधिक क़ानून में संशोधन पर अपनी रिपोर्ट दी तो उसमें इस बात की अनुशंसा की गई कि भारत में बीवी से बलात्कार भी क़ानून के दायरे में आना चाहिए। लेकिन संसद के पैनल ने कहा कि अगर बीवी से बलात्कार के मुद्दे को क़ानून के दायरे में लाया जाता है तो पूरी पारिवारिक व्यवस्था दबाव में आ जाएगी। इसमें आगे जोड़ते हुए गृह राज्य मंत्री हरीभाई चौधरी ने कहा कि समिति ऐसी अनुशंसा के माध्यम से हो सकता है कि ज्य़ादा अन्याय करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि बीवी से बलात्कार भारत में अपराध की श्रेणी में नहीं आ सकता है क्योंकि इसके लिए शिक्षा और अशिक्षा का स्तर, गऱीबी, सामाजिक रीति रिवाज और धार्मिक विश्वास जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि यह समाज की उस मानसिकता के कारण होता है जो शादी को एक संस्कार मानती है।
नहीं है कोई कानूनी रास्ता
वर्तमान क़ानून (भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 375) के मुताबिक़ किसी पुरुष द्वारा अपनी पत्नी, जिसकी उम्र 15 साल से कम न हो, के साथ यौन संबंध बनाना या यौन कृत्य करना बलात्कार नहीं है। संयुक्त राष्ट्र पॉपुलेशन फ़ंड के मुताबिक़ भारत में 75 फ़ीसदी विवाहित महिलाओं के पति उनका बलात्कार करते हैं।
यहां बन चुके हैं कानून
उल्लेखनीय है कि 125 देशों में यौन उत्पीडऩ, 119 देशों में घरेलू हिंसा और केवल 52 देशों में पति के बलात्कार किए जाने के खिलाफ क़ानून है। हाल के समय में कई देशों में पत्नी के साथ ज़बरदस्ती यौन संबंध बनाने को अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है। मलेशिया ने 2007, तुर्की ने 2005, बोलीविया में 2013 में इस क़ानून को अपनाया है। संयुक्त राज्य अमरीका में 1970 के दशक में ही यह लागू हो गया था। यूरोपीय देशों में 90 के दशक में यह लागू हुआ। ब्रिटेन में 1991 में पति के बलात्कार करने को गैर क़ानूनी घोषित किया गया।
यहां जरूरत है
लेकिन भारत, चीन, अफग़़ानिस्तान, सऊदी अरब और पाकिस्तान उन 49 देशों में शामिल हैं जहां पति के बलात्कार करने को अपराध नहीं माना जाता है। भारत सरकार की तर्ज पर बाकी देशों से भी यही बयान दिया है कि यदि ऐसा कोई कानून बनता है तो इससे नए क़ानून से घर टूटेंगे। लेकिन उस विडंबना का क्या जो महिलाओं के बराबरी के हक की आवाज उठाती है और फिर रात को बिस्तरों पर उनकी खामोश चीखों को सुन तक नहीं पाती है!