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बेस्ट इंटरव्यू में काम आएंगी ये टिप्स

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0 जब इंटरव्यू फेस करता हूं कॉन्फिडेंस लेवल कम हो जाता है। कंफ्यूज हो जाता हूं और मुझे लगने लगता है कि सामने वाला स्ट्रॉन्ग है और मैं सबकुछ भूल जाता हूं।

– कॉन्फिडेंस दिमाग की एक स्थिति है। पॉजिटिव सोच, ट्रेनिंग, नॉलेज और दूसरे लोगों से बातचीत कर कॉन्फिडेंस लेवल में सुधार लाया जा सकता है। स्किल, अनुभव और खुद की काबिलियत पर यकीन करके ही कॉन्फिडेंस लाया जा सकता है।
ध्यान रखें ये बातें
0 सबसे पहले आपको अपनी कमजोरी और ताकत की पहचान करनी चाहिए। उन चीजों की एक लिस्ट बनाएं जिनमें आप अच्छे है और जिनमें सुधार की जरूरत है। अपने परिवार और दोस्तों से लिस्ट में लिखी गईं बातों पर डिस्कशन करें।
0 याद रखें हम सब गलतियां करते हैं। अपनी गलतियों को लेकर मन में नकारात्मक विचार लाने के बजाए उनसे सबक लेकर सुधार करें।
0 आलोचनाओं को सकारात्मकता के साथ स्वीकार करें। याद रखिए किसी भी चीज को देखने का सबका अपना-अपना नजरिया होता है। हो सकता है कि कोई एक चीज किसी को पसंद आए और किसी को नापसंद।
0 खुश रहने की कोशिश करें और जिंदगी के प्रति सकारात्मक नजरिया अपनाएं।

0 हम एसएससी करना चाहते हैं, लेकिन मेरे पास उतने पैसे नहीं हैं जिनसे हम कहीं जाकर तैयारी कर सकें। मुझे क्या करना चाहिए?
– आप सबसे पहले तय करें कि आप किस एग्जाम की तैयारी करना चाहती हैं। इसके बाद फार्म भरें और लिखित परीक्षा से तीन महीने पहले तैयारी शुरू कर दें। आप कोचिंग के बिना भी एग्जाम क्लियर कर सकती हैं। अगर आप अच्छे से तैयारी करेंगी तो मैं आपको बता दूं कि आप पहले ही प्रयास में एग्जाम क्रैक कर लेंगी।

0 मैंने 2009 में बीकॉम किया है. मैं आगे जर्नलिज्म का कोर्स करना चाहता हूं, लेकिन फैमिली को सपोर्ट करता हूं इसलिए आगे पढ़ाई नहीं कर पा रहा हूं. मुझे क्या करना चाहिए?
– आप जर्नलिज्म का कोर्स करते हुए भी अपने घरवालों की मदद कर सकते हैं। आपको कोर्स करने के साथ ही पार्ट टाइम जॉब करनी चाहिए। आप कॉल सेंटर, सेल्स मैन, रिसेप्शिनस्ट की जॉब कर सकते हैं। ट्यूशन के जरिए भी पैसे कमा सकते हैं।

0 मेरा बेटा पांचवीं में पढ़ता है और मैं उसे साइंटिस्ट बनाना चाहता हूं. उसके लिए कौन सा कोर्स ठीक रहेगा?
– साइंटिस्ट भी कई तरह के होते हैं, जिनमें मुख्य हैं: एग्रोनॉमिस्ट (मिट्टी और फसलों में स्पेशलाइजेशन), एस्ट्रोनॉमर (जो तारों, ग्रहों और गैलेक्सी यानी आकाशगंगा का अध्ययन करते हैं), साइटोलॉजिस्ट (सेल्स के अध्ययन में स्पेशलाइजेशन), एपिडिमियोलॉजिस्ट (संक्रामक रोगों का अध्ययन), एथोलॉजिस्ट (पशुओं के व्यवहार का अध्ययन), जनेटिसिस्ट यानी आनुवांशिकी विज्ञानी, जियोलॉजिस्ट (धरती के इतिहास का अध्ययन), जियोग्राफर (पृथ्वी के धरातल का अध्ययन), मरीन बायोलॉजिस्ट (समुद्र जीव-जंतुओं का अध्ययन), मौसम विज्ञानी, माइक्रोबायोलॉजिस्ट (मौसम और जलवायु का अध्ययन), पैलियनटॉलोजिस्ट (फॉसिल यानी जीवाश्मों का अध्ययन), फिजिस्टि और साइज्मॉलजिस्ट (भूकंप का अध्ययन)। 12वीं के बाद आप अपने बेटे को उसकी रुचि के मुताबिक इनमें से किसी एक क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन करा सकते हैं।

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