करियर डेस्क। कर्मचारियों के दिमाग को पर्याप्त रूप में काम में लगाने की दिशा में तेजी से जतन किए जा रहे हैं। बड़ी बड़ी कंपनियों ने इसके लिए फ्लैक्सी ऑफिस सिस्टम्स पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। खासतौर से आईटी कंपनियों ने अपनी लाखों रुपए की कॉस्ट कटिंग के लिए इस प्रणाली से लाभ लेने के प्रयास तेज कर दिए हैं। पहले की तरह रियल इस्टेट खर्च के मुकाबले एक ही स्पेस में क्यूबिकल्स तथा अन्य लचीली वर्कप्लेस संबंधी रणनीतियों को अपनाया जा रहा है। ये कर्मचारियों के आमोद और मनोरंजक गतिविधियों, कैफेटेरिया, क्लाइंट पॉड, कोलाबोरेटिव बेंच स्पेस, आर्मचेयर या ट्रेडिशनल डेस्क की तरह उपयोग किए जाएंगे।
इकॉनॉमिक्स टाइम्स में प्रकाशित एक खबर में कहा गया है कि बेंगलुरू, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे और गुडग़ांव में स्थित वे अग्रणी आईटी कंपनियां, जो बैक-एंड तथा शेयर्ड सर्विस ऑपरेशंस संभालती हैं, उन्होंने इस फ्लैक्सी फॉर्मेट को अपनाया है। आईबीएम, एसएपी और एसेंचर आदि कंपनियों ने इस रणनीति को अपना लिया है। स्फूर्तिमान कार्यस्थल कंसेप्ट के आगमन से रियल इस्टेट को अधिक दक्षता के साथ इस्तेमाल किया जा रहा है।
बेंगलुरू, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे, गुडग़ांव स्थित आईटी कंपनियां फ्लैक्सी सिस्टम फॉलो कर रही हैं। फ्लैक्सी वर्क सिस्टम से कर्मचारियों को इनोवेटिव टूल्स व सुविधाओं का सहयोग दिया जा रहा है। इससे वे अधिक वर्क-प्रोडक्टिव होने के लिए निजी स्पेस के बजाए थोड़े से बड़े स्पेस में काम करेंगे।