नेशनल डेस्क। देशभर में महिलाओं के शनि मंदिरों में पूजा करने और तेल चढ़ाने पर विवाद चल रहा है। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के मशहूर शनि शिगणापुर मंदिर में परंपरा के उलट पूजा करने जा रही महिलाओं को मंगलवार को रोक दिया गया था। जिसके बाद से देश में महिलाओं के शनि मंदिर में पूजा करने पर बहस शुरू हो गई। कई महिला संगठनों ने इसे अपनी प्रतिष्ठा पर सवाल मान लिया है और सड़कों पर उतर कर विरोध कर रहीं हैं तो वहीं कई धर्म गुरू इसे शास्त्रों के खिलाफ मान रहे हैं।
पुरूषों के जाने पर भी रोक
शिगणापुर में एक चबूतरे पर शनि शिला बनी हुई है। इस चबूतरे पर महिलाओं को जाने की अनुमति नहीं है। श्री शनिश्वर देवास्थान ट्रस्ट के जनसंपर्क अधिकारी अनिल दराडले कहते हैं कि चबूतरे पर केवल महिलाओं का ही नहीं बल्कि पुरूषों के जाने पर भी रोक लगी है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि तेल चढ़ाने में मंदिर परिसर में गंदगी फैल रही थी।
ताकि न तो कोई घटना
अनिल बताते हैं कि 2011 तक पुरूष ऊपर तक जाते थे लेकिन भीड़ के लगातार बढ़ते जाने के कारण अब उन्हें भी नहीं जाने दिया जाता। पूजा के कारण ऊपर काफी तेल फैल जाता था। इससे कई बार कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इन बातों के मद्देनजर स्त्री-पुरुष सबके लिए एक जैसा प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होनें कहा कि भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ति देसाई की मंदिर में जाने की मांग तब सही होती, जब पुरुष भी ऊपर तक जाते। आंदोलन से इसका कोई समाधान नहीं निकलने वाला है।