मार्केट डेस्क। भारतीय शादी-विवाह, अन्य रस्मो-रिवाज के मौकों पर ढेरों मिठाइयां, अन्य किस्म के पकवान तथा जायकेदार व्यंजन तैयार किए जाते हैं। इनमें अधिकांश में कृत्रिम रंगों का उपयोग होता है। होली सिर पर है और इस अवसर पर दुकानों पर उपलब्ध मिठाइयों व नमकीन को फूड डाइ के जरिए अधिक आकर्षक बनाया जाता है।
जर्नल ऑफ कंज्यूमर रिसर्च में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, रंग स्वाद की तुलना में अधिक शक्तिशाली प्रभावक है। शोध में उपभोक्ताओं ने खाद्य व पेय पदार्थ में अधिक रंगों की चाहत बताई थी पर ये रंग प्राकृतिक ोितों के होने चाहिए, ऐसा भी कहा था। फूडडाइव.कॉम के एक सर्वे में 66त्न लोगों ने प्राकृतिक रंग के उपयोग के पक्ष में मत दिया था। पिछले साल कई कंपनियों तथा ब्रांड्स ने प्राकृतिक रंगों को अपनाने की पहल की घोषणा की थी।
फूड डाइ इंटोलरंस से एक प्रतिशत से कम वयस्क तथा 2-7 फीसदी तक विभिन्न एलर्जी से प्रभावित होते हैं। चूंकि बच्चे रंगीन कैंडी, सॉफ्ट ड्रिंक्स और बहुत कुछ खाते हैं, जिनमें फूड डाइ की भरमार होती है। अधिकांश एक्सपट्र्स ब”ाों की व्यवहारात्मक दिक्कतों के पीछे इन फूड डाइ का हाथ मानते हैं। कई शोधों ने बताया है कि कृत्रिम रंगों से कई रोगों का रिस्क बना रहा है। इनमें ब”ो सबसे अधिक निशाने पर रहते हैं।
ये हैं खतरनाक फूड एडिटिव्स
रेड-3
रिस्क: कैंसर
कहां होते इस्तेमाल: फूड के बाहरी आवरण, ओरल मेडिकेशन, चैरीज, बेक्ड गुड्स, कैंडीज आदि
ब्लू-2
रिस्क: किडनी ट्यूमर
कहां होते इस्तेमाल: बेक्ड फूड, ब्रेवरेज, डिजर्ट पाउडर, कैंडीज, सीरियल्स, ड्रग्स आदि
रेड- 40
रिस्क: इम्यून सिस्टम कमजोर
करना, एलर्जी के प्रति
अतिसंवेदनशील बनाना, बच्चों में हाइपरएक्टिविटी
कहां होते इस्तेमाल : बवरेज,
बेकरी गुड्स, डिजर्ट पाउडर,
कैंडीज, अनाज, ड्रग्स तथा कॉस्मेटिक्स
यलो-5
रिस्क: हाइपरसेंसिटिव रिएक्शंस, ब”ाों में हाइपर-एक्टिविटी और अन्य बिहेवियरल इफैक्ट्स बढ़ाना
कहां होते इस्तेमाल: पैट फूड्स, बेकरी गुड्स, दवाओं व सौन्दर्य प्रसाधन उत्पाद आदि
यलो-6
रिस्क: एड्रिनल ट्यूमर, कभी -कभी गंभीर रूप से हाइपरसेंसिटिविटी रिएक्शंस बढ़ाना आदि
कहां होते इस्तेमाल: रंगीन बेक्ड फूड्स, अनाज, बेवरेज, डिजर्ट पाउडर्स, कैंडीज, जिलाटिन से बने डिजट्र्स या कैंडीज, सौन्दर्य प्रसाधन को कलर देने वाला पिगमेंट तथा ड्रग्स आदि
ग्रीन-3
रिस्क: ब्लैडर में विस्तार, ट्यूमर
कहां होते इस्तेमाल: ड्रग्स, पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स, कॉस्मेटिक प्रोडक्ट् (आंखों वाले नहीं), ब्रेवरेज, कैंडीज, आइसक्रीम, शर्बत, लिपस्टिक्स, निगलने वाली दवाओं, सौन्दर्य प्रसाधन वाली मलहम आदि
ब्लू-1
रिस्क : किडनी ट्यूमर
कहां होते इस्तेमाल : बेक्ड फूड, ब्रेवरेज, डेजर्ट पाउडर, कैंडीज, सीरियल्स, ड्रग्स आदि
रेड-2
रिस्क: ट्यूमर
कहां होते इस्तेमाल: कलर्ड ब्रेवरेज, कैंडीज, पैट फूड्स, ड्रग्स आदि