हेल्थ डेस्क। होली का त्यौहार आ गया है। खूब सारी मस्ती करने की प्लानिंग भी हो गई होगी। पिछली बार होली पर किए धमाल को याद किया जा रहा है। और उसके साथ याद आ रही है होली के बाद की थकान। इस बार भी ऐसा ही कुछ होने वाला है। होली की मस्ती के साथ आने वाली बीमारियों से खुद को बचाने के लिए भी तैयारी शुरू कर दीजिए। आपकी इस तैयारी में हमारी हेल्थ एक्सपर्ट डॉं. सारिका जैन आपको कुछ जरूरी टिप्स दे रहीं हैं।
जब हो सांस लेने में परेशानी
होली के बाद अक्सर लोग सांस लेने में दिक्कत होने, त्वचा की बीमारी, आंखों की बीमारी, फूड पॉइजनिंग, वायरल फीवर और गला खराब होने जैसी परेशानियों से घिर जाते हैं। मुंह और सांस के जरिए शरीर के अंदर रंग पहुंचने के बाद एलर्जी की संभावना पैदा हो जाती है। इसके बाद ही शुरू होती हैं सारी समस्याएं। इस तकलीफ से बचने का सरल उपाय है कि होली खेलने के दौरान चेहरे पर मास्क लगाकर रखें। बालों को होली के डिजाइनर कैप से कवर कर सकते हैं।
जब आंखों में हो तकलीफ
सूखा रंग या गीला रंग आंखों में चला जाए तो आंखों में लाली, चुभन, सूज जाना आदि समस्याएं आ ही जाती हैं। यहां तक कि आंखों का अल्सर तक हो सकता है। ऐसे में कोशिश करें जब कोई रंग लगा रहा हो तो आंखें बंद कर लें, ताकि रंग अंदर न जा सके। यदि रंग चला जाये तो ठंडे पानी से धोएं व आंखों को रगड़ें नहीं।
बचें फूड पॉइजनिंग से
होली का दिन ही ऐसा होता है कि लोग एक-दूसरे के घर जाकर रंग लगाते हैं और मेजबान उन्हें खाने को विभिन्न प्रकार के नाश्ते, चाय, कॉफी, ठंडई आदि देते हैं। अत: डीप फ्राइड चीजों में कौन सा तेल इस्तेमाल हुआ है, बाजार की मिठाई में कितना रंग पडम है आदि चीजें पेट को नुकसान पहुंचाने के लिए काफी हैं। इसके अलावा रंग भरे हाथों से नाश्ता उठाना ठीक नहीं। उस हाथ से खाने से वह सीधे पेट में पहुंचता है, जिससे फूड पॉइजनिंग हो सकती है। इस स्थिति से बचने के लिए नाश्ता उठाने के लिए पेपर नेपकिन का यूज करें अथवा साबुन से हाथ धोएं। तले-भुने व चटपटे मसालेदार चीजों को अवाइड करें। कोल्ड ड्रिंक्स और चाय-काफी पी कर सेहत को नुकसान न पहुंचाएं।
जब हो जाए वायरल फीवर
होली के दौरान मौसम में भी बदलाव होता है। ऐसे में वायरल फीवर की चपेट में आने से बचने की कोशिश करें। लेकिन होली के दौरान गीले कपड़े पहने रहने से ऐसा करना संभव नहीं होता। ऐसे में सिर दर्द, जोड़ों में दर्द, गला खराब होना व बुखार आना आम है। इसके लिए जरूरी है कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं। शरीर के तापमान को ठीक रखें। ज्यादा थकाने वाले काम न करें। खूब सारा पानी पिएं। ठंडी चीजें व ड्रिंक्स न पिएं।
जब स्किन हो जाए खराब
होली के दौरान गीले रासायनिक रंग शरीर पर जहां भी लग जाते हैं, वहां की त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं, पर सूखे रंग भी ऐसे मिलावटी पदार्थों से बनाये जा रहे हैं, जो ज्यादा देर तक त्वचा के संपर्क में रहें तो त्वचा फट जाती है। रंगों के प्रभाव से त्वचा पर स्थाई या अस्थाई तौर पर लाल-लाल चकत्ते या दाने भी उभर आते हैं। गुलाल की ही बात करें तो उसमें एक चमकीला पदार्थ अभ्रक होता है, जो खुरदरा होता है। यह मिलावटी गुलाल यदि देर तक त्वचा में रह जाये तो त्वचा एकदम खुश्क हो जाती है व फटने लगती है। बाल भी धोने के बाद रुखे व खुरदरे लगने लगते हैं। अत: होली खेलने से पहले ही त्वचा का बचाव करें।
तेल बचाएगा बालों को
होली खेलने से पहले बालों में नारियल का तेल अच्छी तरह लगा लें, ताकि रंग सीधे बालों के संपर्क में न आएं। इससे सिर धोने पर रंग आसानी से निकल जायेगा। अच्छा हो कि कैप पहनें। यदि संभव हो तो बालों पर हेयर बैंड जरूर लगा लें। बाल धोने के लिए कंडीशनर का यूज करें।
रखें नाखूनों का ख्याल
नाखूनों पर पक्का रंग चढ़ जाता है तो वह जल्दी नहीं उतरता। नाखूनों के चारों तरफ वैसलीन अच्छी तरह लगाएं व उन पर नेलपॉलिश लगा लें। इससे नाखूनों पर रंग नहीं चढ़ेगा। होली खेलने के बाद नेलपॉलिश रिमूवर से नेल पेंट उतार लें। यदि नाखूनों के आसपास की त्वचा पर रंग चढ़ गया हो तो नींबू रगड़ कर छुड़ाएं।