हेल्थ डेस्क। डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी होना। अक्सर इसे गर्मियों की समस्या माना जाता है, पर सच यह है कि सर्दियों में भी लोग इसके शिकार होते हैं। इससे न सिर्फ ठंड अधिक लगती है, थकान, सिर दर्द व मांसपेशियों में भी ऐंठन रहती है।
विशेषज्ञों के अनुसार सर्दियों के मौसम में सांस लेने पर काफी मात्रा में रेसपिरेटरी फ्लुइड का नुकसान होता है। बाहर के मौसम के अनुरूप शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने के लिए भी शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे पानी की कमी होने लगती है। शरीर में पानी की कमी होने पर मुंह सूखना, त्वचा मुरझाना, होंठ फटना, थकावट महसूस होना, पेशाब कम व पीला आना और चक्कर आना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
जरूरी है भरपूर पानी पीना
हमारे शरीर में दो-तिहाई पानी होता है, अगर इसमें 1.5 त्न की कमी आ जाती है तो इसे माइल्ड डिहाइड्रेशन कहते हैं। पानी के स्तर में 3-8 त्न की कमी आने पर शरीर की कार्यप्रणाली और दूसरे अंगों पर भी नकारात्मक प्रभाव पडऩे लगता है।
मुंह से दुर्गंध आना– लार में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। जब शरीर में पानी की कमी होती है तो मुंह में लार की मात्रा कम हो जाती है, जिससे बैक्टीरिया पनपने लगते हैं और मुंह से दुर्गंध आने लगती है।
अधिक मीठा खाना- शरीर में पानी का स्तर कम होने पर हम भूख का अनुभव अधिक करते हैं। जिससे मीठा या काबोहज़इड्रेट युक्त चीजें खाने की इच्छा अधिक होने लगती है।
त्वचा का रूखा होना- शरीर में पानी की कमी त्वचा को रूखा व बेजान बनाती है, जिससे बालों की गुणवत्ता पर असर पड़ता है।
एकाग्रता कम होना- पानी की कमी मानसिक क्रियाशीलता पर भी असर डालती है। एकाग्रता भंग होती है और बेचैनी बढऩे लगती है। इसकी वजह है पानी की कमी के कारण शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन का न पहुंचना।
मांसपेशियों में ऐंठन आना- शरीर में पानी की कमी होने पर शरीर नाजुक अंगों की सुरक्षा के लिए जरूरी फ्लुइड का इस्तेमाल करने लगता है। इससे मांसपेशियों की ओर रक्त संचरण कम होता है और उनमें ऐंठन आने लगती है।
कब्ज होना- अगर आप पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं, तो शरीर पानी की उस कमी को मल से पूरा करता है। जिससे मल कड़ा हो जाता है और कब्ज की शिकायत रहने लगती है।
पानी की मात्रा का मतलब
सेहत विशेषज्ञ जब अधिक पानी पीने को कहते हैं तो इसका मतलब हर चीज के जरिए मिलने वाले पानी से होता है। सब्जी से लेकर फल तक हर चीज में पानी होता है। फल, सब्जियां, दूध, ग्रीन टी व जूस से भी शरीर को पानी मिलता है। अगर आप अधिक पानी नहीं पीते हैं तो ऐसी चीजें खाएं, जिनमें पानी अधिक होता है।
बढ़ जाता है हृदय रोगों का खतरा
शरीर में पानी की कमी होने पर खून गाढ़ा होने लगता है। खून का प्रवाह प्रभावित होता है। रक्त व ऑक्सीजन के शरीर के सभी अंगों तक पहुंचने में समस्या होने के कारण रक्तदाब बढऩे लगता है। इससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है। खासकर कृत्रिम हाटज़् वाल्व लगवा चुके या एंजियोप्लास्टी करवाने वाले जिन लोगों में धातु निमिज़्त स्टेंट लगा होता है, उनके लिए शरीर में पानी की कमी हाटज़् अटैक का कारण बन सकती है। पानी की कमी होने पर गाढ़ा रक्त हृदय से चिपकने लगता है, जिससे स्टेंट अवरूद्ध हो सकता है। यही वजह है कि हृदय रोगियों के लिए सदिज़्यों में भी पानी पीते रहना बेहद जरूरी है।