ट्रैवल डेस्क। एडिनबरा हवाई अड्डे पर मेरी कलम डायरी के पन्ने पर यह उकेरती जा रही है, एडिनबरा को प्रत्यक्ष से स्मृति में बदलने में अब ज्यादा वक्त बाकी नहीं है। स्काटलैण्ड के एडिनबरा पहुंचकर मैंने सबसे पहले यहां के खूबसूरत किले को देखने का प्रोग्राम बनाया।
यह किला ज्वालामुखी के ठण्डे होने पर बनी पहाड़ी के मुहाने पर बना है। स्काटलैण्ड के स्वतन्त्रता युद्ध में इस किले का उपयोग किया गया था। यहां स्काटलैण्ड के महान स्वतन्त्रता सेनानी विलियम वालेस की मूर्ति बड़े सम्मान के साथ लगाई गई है। स्वतन्त्रता के बाद किला स्काटिश राजाओं के कब्जे में आया। 15 वीं सदी में फिर से अंग्रेजों ने चढ़ाई की लेकिन कामयाब नहीं हुए। एडिनबर्ग किले की खासियत यह है कि यहां हम ना केवल किला देखते हैं बल्कि उस काल के इतिहास से भी परिचित होते हैं। यहां छोटे-छोटे म्यूजियम हैं, जहां राजनैतिक कहानियों को मिट्टी के मॉडलों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।
म्यूजियम के बाहर आते ही हवा तीर सी लगती है। एक म्यूजियम में वह खदान है जहां स्काटिश मुकुट छिपाया गया था। किसी आक्रमण के वक्त यह मुकुट कोयलों में दबा दिया गया जिससे आक्रमणकारियों के हाथ ना लग जाये। एक अन्य म्यूजियम में राजा के कर्मचारियों, मुकुट निर्माताओं आदि की प्रस्तुति के लिये एक पूरा कक्ष है। सबसे भयानक जगह थी, वे गुहा समान कारागार जिनमें कैदी रखे जाते थे, सीलन भरी काल कोठरियों में चेन से बांध कर जानवरों से बदतर स्थिति में।
इन काल कोठरियों को ऊपर से देखने की व्यवस्था की गई है लेकिन भीतर जाते ही मन व्यथित हो जाता है। इसके बाद वे कारागार भी दिखाये जाते हैं जहां राजनैतिक कैदी रखे जाते थे, खासतौर से अमेरिकन नौसैनिक। यह कैद अमेरिका को स्वतन्त्र राज्य देने की स्थिति से पूर्व का था। सभी म्यूजियमों में साउंण्ड लाइट और प्रेजेन्टेशन के माध्यम से बड़ी अच्छी प्रस्तुति है, जिससे रुचि खत्म नहीं होती।
किले के सभी म्यूजियमों में घूमते चार बज गये थे, कुछ देर तक किले से शहर को निहार मैं नीचे उतरने लगी और दुकानों आदि को देखती हुई एक ऊन के कारखाने में घुस गई। यह कारखाने के साथ- साथ संग्रहालय भी लग रहा था। इतना बड़ा कि इसमें पूरी तरह से घूमने के लिये दो घण्टे तो लगेंगे ही। यहां ऊनी कपड़े की खरीददारी भी की जा सकती है। एडिनबर्ग वुलन मिल के लिये भी बड़ा प्रसिद्ध है।
दुनिया के सबसे महंगे काश्मीरी ऊन की यहां अनेक दूकाने हैं। स्काटिश ऊनी कपड़े काफी गरम भी होते हैं। किले से उतरते ही भव्य सिटी सेन्टर आ जाता है, और लोगों का हुजूम, यह यात्रा का मौसम नहीं, फिर भी रेल पेल है, सीजन में क्या होता होगा।