पर्यटन डेस्क। ऊंचे-ऊंचे पहाड़, झर-झर बहते झरने, घने जंगल, नदियां और बर्फ से ढंके सफेद पहाड़… यूं तो ये संज्ञाएं भारत के कई हिल स्टेशन को मिल चुकी हैं। लेकिन पर्वतों की रानी कहे जाने वाले मसूरी की बात ही कुछ और है। यहां का रोमांच अपने जहन में ताउम्र जिंदा रखना चाहते हैं तो इस बार की समर वीकेशन यहीं एंजॉय करें।
समुद्र तट से सात हजार फीट की ऊंचाई पर बसा मसूरी शहर कई मामलों में निराला है। यहां किसी भी समय बारिश का मौसम बन जाता है। मसूरी शहर 1822 से बसना शुरू हुआ और आज भी लोगों को आर्कषित करता है।
कैंप्टी फॉल्स
मसूरी से 15 किलोमीटर की दूरी पर यमुनोत्री रोड पर कैंप्टी फॉल्स स्थित है। म्यूनिसिपल गार्डन भी देखने लायक है। यहां एक छोटी सी कृत्रिम झील का निर्माण कराया गया है। यहां फूलों की दर्जनों खूबसूरत वैरायटी देखी जा सकती हैं।
कैमल बैक रोड
कुल 3 किमी. लंबी यह रोड रिंक हॉल के करीब कुलरी बाजार से शुरू होती है और लाइब्रेरी बाजार पर जाकर समाप्त होती है। इस सड़क का सबसे बड़ा आकर्षण यहां पर घुड़सवारी करना होता है। यहां पर सूर्यास्त का खूबसूरत दृश्य देखने का मौका नहीं गंवाना चाहिए।
गन हिल्स
यह मसूरी की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है। गन हिल्स से हिमालय की खूबसूरती को बड़े नजदीक से निहारा जा सकता है। यहां से मुख्यत: बुंदेरपुंछ, पिथौड़ा श्रीकांत और गंगोत्री गु्रप करीब है। यहां से मसूरी शहर और दून घाटी को बर्ड व्यू की तरह देख सकते हैं।
झड़ीपानी फॉल
यह फॉल मसूरी-झड़ीपानी रोड पर मसूरी से करीब 9 किमी. दूरी पर स्थित है। पर्यटक झड़ीपानी तक 7 किमी. की दूरी बस या कार से तय कर सकते हैं। इसके बाद अगले 1.5 किमी. पैदल चलकर फॉल तक पहुंच सकते हैं।
भट्टा फॉल
यह फॉल मसूरी-देहरादून रोड पर मसूरी से 7 किमी. दूरी पर स्थित है। कोई भी मसूरी से बस या कार से चार किलोमीटर दूर स्थित बाटला गांव तक जा सकता है। इसके बाद की 3 किमी. यात्रा पैदल चलकर पूरी करनी पड़ती है।