ट्रैवल डेस्क। ट्रैवलिंग और ट्रैकिंग के शौकीन अक्सर पहाड़ों की तलाश में होते हैं। खूबसूरत और हरियाली से भरे ऐसे ही पहाड़ मिलते हैं हिमाचल प्रदेश में। पिछले कुछ समय में ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए यह सबसे पसंदीता स्पॉट के रूप में उभरा है। आज हम आपको बता रहें हैं कि यदि हिमाचल में ट्रैकिंग का प्लान है तो इन स्पॉट्स को अपने टूर में जरूर शामिल करें।
पिन पार्वती पास
इसकी ऊंचाई 5319 मीटर है। इस ट्रैकिंग में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के जंगली रास्ते, बिना पुल के नदियों को पार करना और ग्लेशियर का सामना करना पड़ता है। इस ट्रैकिंग में शामिल जोखिम भी सुकून देने का काम करता है।
रिओ पुरगयिल पर्वत
यहां के पहाड़ों की ऊंचाई तकरीबन 6816 मीटर है। यहां ट्रैकिंग के लिए कम से कम 6 दिन का समय लगता है। यह ट्रैक हिमाचल और तिब्बत की सीमा पर है, जहां जाने के लिए विदेशी पर्यटकों को इनर लाइन परमिट लेनी पड़ती है। इस ट्रैक की शुरुआत किन्नौर जिले के नाको गांव से होती है। यहां से 5500 मीटर तक लगातार चढ़ाई देखने को मिलती है।
किन्नौर कैलाश पर्वत
जिसकी ऊंचाई 6349 मीटर है। किन्नौर कैलाश हिमाचल के उत्तर पूर्व हिस्से में है। सांगला से थांगी जाकर ट्रैकिंग की शुरुआत होती है। कुछ दिनों की ट्रेकिंग के बाद छरंग ला पास (5300 मीटर) तक पहुंचने के बाद गहरी घाटियां देखने को मिलती है।
मनी महेश ट्रैक
इस ट्रैक की ऊंचाई 4,080 मीटर है, जहां ट्रैकिंग के लिए कम से कम 5 दिन का समय देना होता है। मनी महेश लेक को डक लेक के नाम से भी जाना जाता है। जो हिमालय के पिर पंजाल रेंज के पास चंबा जिले में स्थित है। कहा जाता है कि भगवान शिव में देवी पार्वती से शादी के बाद मनी महेष लेक को बनाया था। इसकी ट्रैकिंग के लिए भानलौर-हड़सर मनी महेश रूट को फॉलो किया जाता है जिसके लिए 13 किमी का रास्ता तय करना होता है।
चन्द्रतल ट्रैक
इस ट्रैक के लिए कम से कम 4 दिन का समय देना होता है। टै्रक की ऊंचाई 14,1000 फीट है। चंद्रतल यानि चांद पर चलना, और सच में यहां ट्रैकिंग करने पर ऐसा ही अहसास होता है। स्पीती वैली के पास स्थित है। बीन्स के आकार का ये लेक 2.8 किलोमीटर में फैला हुआ है। जिसका पानी क्रिस्टल जैसा क्लियर है और इसे ब्लू रंग के कई शेड्स में भी देखा जा सकता है। लेक के आसपास ट्रैकिंग के दौरान कैंप लगाकर यहां के खूबसूरत नजारों का भी आनंद लिया जा सकता है। ट्रैकिंग के लिए मई से अक्टूबर तक का टाइम बेस्ट होता है।
त्रिउंड ग्लेशियर
ग्लेशियर की ऊंचाई 2827 मीटर है। त्रिउंड, भागसू नाग(बाहर से आने वाले टूरिस्ट की फेवरेट जगह) से महज 9 किमी की दूरी पर है। मैकलोडग़ंज से यहां पहुंचने में पूरी 4 घंटे का समय लगता है। यहां ट्रैकिंग करते वक्त धौलाधार रेंज और कांगड़ा घाटी के बहुत सारे खूबसूरत नजारे देखने को मिलते हैं। बिना गाइड के भी यहां ट्रैकिंग पॉसिबल है।