ट्रैवल डेस्क। संयुक्त अरब अमीरात ऐसा वाहिद मुल्क जो हर पल हमें हैरान करता है। उसकी हर खूबसूरती और अदा के पीछे छिपी है एक कहानी। बसंत और पतझड़ के मौसम में पक्षियों की 320 प्रजातियां अमीरात होकर गुजरती हैं। गर्मियों के मौसम में सूरज मकानों को सुखा देता है, दीवारों पर सलेटी रंग के बालू का छिड़काव कर देता है। आपके सामने इसके सिवा और कोई चारा नहीं रहता कि आप बंद दरवाजों के भीतर पड़े रहें। रेतीय टीलों का एक समुद्र दक्षिणी दुबई में फैला हुआ है। दक्षिण में अबू धाबी, पूर्वोत्तर में शारजाह और दक्षिण पूर्व में ओमान सल्तनत है। दुबई को उसकी भव्यता के लिए जाना जाता है पर दुबई की आत्मा समुद्र में बसी है।
हम जुमेरा बीच पर थे। सागर के गहरे नीले पानी में ऐसे उतर रहे थे जैसे उसके दिल में उतर रहे हों। आसमान का रंग सुर्ख हो गया था। सामने से खूबसूरत इरानी और अफगानी लड़कियों का झुंड गुजरा। उसमें से एक लड़की स्याह बुरका लपेटे समंदर को कैमरे में कैद कर रही थी। यह नजारा दुबई का ही हो सकता है जहां समुंदर की लहरों से दुनिया की सारी संस्कृति मिलती नजर आती है। यदि दुबई में आपने बुर्ज खलीफा नहीं देखा तो आपकी यात्रा अधूरी है। यह दुनिया की सबसे लंबी इमारत है। बुर्ज खलीफा को बनने में करीब 6 साल (2004- 2010)लगे।
दिलचस्प बात है कि दुबई में अरबी लोगों से ज्यादा बड़ी आबादी हिन्दुस्तान व पाकिस्तान की है। इस्लामिक देश होने के बावजूद यहां का समाज खुला हुआ है। यह बात आपको हैरान कर सकती है कि शराब को हराम मानने वाले इस्लामिक देश में कई बार हैं जहां खूब शराब परोसी जाती है। दूसरी ओर एफ.एम. रेडियो पर नमाज के वक्त गाने रोक कर अजान सुनाया जाता है।
यहां के मर्दों के ये तीन शौक हैं। आमतौर पर एक अरबी 3 से 4 शादियां करते हैं। पर बदलते जमाने के साथ कई शादी का प्रचलन कम हुआ है। सभी निजी संस्थानों में 15 प्रतिशत स्थानीय लोगों का होना जरूरी है, नहीं तो उनका रजिट्रेशन नहीं होगा। आर्थिक रूप से कमजोर अरबी के लिए मुफ्त मकान, राशन और शिक्षा का जिम्मा सरकार का है। इस्लामिक देश होने के कारण 95 प्रतिशत मस्जिदों को सरकारी सहायता मिलती है। सभी इमामों का वेतन सरकार देती है।