स्पेशल डेस्क। दादी की रसोई में जितने मसाले हैं उतने उसके उपयोग। सेब को फल नहीं बल्कि दवा के तौर पर यूज करना हो या शहद से दवाएं तैयार करना हो, यह बस हमारी दादियों के लिए मुश्किल काम नहीं रहा। आइए आज जानते हैं कि रसोई के वो मीठे पदार्थ जो गंभीर बीमारियों में अचूक दवाओं में बदल जाते हैं।
सेब
0 मस्तिष्क रोगी को दोपहर तथा रात को भोजन में कच्चे सेबों की सब्जी दें। शाम को एक गिलास सेब का रस दें तथा रात को सोने से पहले एक पका मीठा सेब खिलाएं। इससे एक महीने में ही रोगी की दशा में सुधार आने लगता है।
0 आंखों की कमजोरी दूर करने के लिए एक ताजा सेब की पुल्टिस कुछ दिनों तक आंखों पर बाँधनी चाहिए। यदि भोजन के साथ प्रतिदिन ताजा मक्खन तथा मीठा सेब खाएं तो नेत्र ज्योति तो तेज होती ही है साथ ही चेहरा लाल हो जाता है।
शहद
0 दिल के लिए शहद बहुत शक्ति बढाने वाला है। सोते वक्त शहद व नींबू का रस मिलाकर एक ग्लास पानी पीने से कमजोर हृदय में शक्ति का संचार होता है। पेट के छोटे-मोटे घाव और शुरुआती स्थिति का अल्सर शहद को दूध या चाय के साथ लेने से ठीक हो सकता है।
0 हैजा रोग होने पर जब शरीर में ऐंठन होने लगती है या सर्दी के कारण शरीर में ऐंठन होती है तो ऐसे में अखरोट के तेल की मालिश करने से रोग में आराम मिलता है। अमरूद के कोमल पत्तों को पीसकर गठिया रोग से सूजे हुए स्थान पर लेप करने से रोग में आराम मिलता है।