स्पेशल डेस्क। ओह माए गॉड, एक घंटा हो गया और अभी तक तुम्हारा खाना खत्म नहीं हुआ। कितनी बार कहा है कि खाते समय टीवी मत देखा करो, … पर नहीं, टीवी के बिना तो निवाला अंदर ही नहीं जाता है। पता नहीं क्या होगा इस लड़के का…। यह लाइन लगभग हर घर में मां अपने बच्चे को सुनाती है। प्रीति के लिए भी ये चंद लाइनें दिनचर्या में शामिल हो चुकी थीं। प्रीति का गुस्सा बेटे वैभव को और भड़कीला बना रहा था। नतीजतन प्रीति ने ज्यों ही टीवी बंद किया वैभव ने खाने की थाली जमीन पर फेंक कर प्रतिक्रिया दे दी। यह समस्या, संवाद और प्रतिक्रिया प्रीति और वैभव के बीच बस नहीं है बल्कि हमारे-आपके परिवारों में अब यह सब आम हो चुका है।
कुछ माएं बच्चों को खाते समय टीवी देखने की इजातद यह सोचकर दे देतीं हैं कि कम से कम वह खाना तो चैन से खा रहा है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि टीवी देखते समय खाना खाते-खाते वही बच्चा स्वस्थ न होकर उल्टा मोटापे का शिकार हो जाता है। वजह कि बच्चा टीवी देखते-देखते जरूरत से ज्यादा खा लेता है और खाता ही जाता है। स्नैक्स और फास्टफूड जैसी चीजें भी टीवी देखते समय बच्चे खूब चाव से खाते हैं और ज्यादा खाते हैं। यही आदत बच्चों को शारीरिक रूप से भारी-भरकम बना देता है, जो आगे चल कर कई बीमारियों का कारण बनता है।
इस समस्या से संबंधित अंग्रेजी के दो मुहावरे बड़े असरदार हैं – इडियट बॉक्स और काउच पोटैटो। पहला टीवी के लिए और दूसरा बैठ कर खाने वाले के लिए इस्तेमाल होता है। इन दोनों में बड़ा नजदीक का रिश्ता है – टीवी हमें काफी पैसिव बनाता है, करना कुछ भी नहीं होता, जो स्क्रीन पर परोसा जाएगा, उसका हमें उपभोग करना होता है। यदि कार्यक्रम मनोरंजक हो, तो खाना खाने जैसी समानांतर गतिविधि से ध्यान हट जाता है।