स्पेशल डेस्क। एग्जाम खत्म हो रहे हैं और बच्चे अब किताबों से बोरियत महसूस करने लगे हैं। जल्दी ही स्कूलों की छुट्टियां शुरू हो रहीं हैं। ऐसे में स्वभाविक है कि उनका मस्ती टाइम शुरू हो रहा है। लेकिन छुट्टियों को मजेदार बनाने के साथ-साथ कुछ नया सीखने लायक भी बनाया जा सकता है। इस बार बच्चों को किताबों से दूर भागने से बचाने के लिए उन्हें कुछ दिलचस्प पढ़ाएं। ताकि रूचि बनी रहे और छुट्टियों में कुछ नया सीखने-पढऩे मिले।
कल्पनाओं के करीब ले जाती किताबें
कहते हैं कि किताबों से बड़ा कोई मित्र नहीं होता, क्योंकि बाकी दोस्त साथ छोड़कर जा सकते हैं, लेकिन किताबें हमेशा साथ देती हैं। किताबें बच्चों को केवल अपने तक ही सीमित न रख कर समाज, वातावरण, प्राणी-जगत के और करीब ले आती हैं तथा उनमें आत्मविश्वास बढ़ाती हैं।
पढऩे दें अच्छा साहित्य
कई माता-पिता नहीं जानते कि बच्चों को क्या पढऩे दिया जाए। अच्छे बाल साहित्य के बारे में उन्हें जानकारी नहीं होती। सस्ते जासूसी उपन्यास, पॉकेट उपन्यास जैसी किताबें मानसिक विकृति, चोरी का आनंद, मारधाड़ का मजा, गुंडागर्दी का बड़प्पन, सिगरेट आदि की लत की तरफ बच्चों को आकर्षित करेंगी। अत: ध्यान रखें कि बच्चे ऐसी किताबों से दूर रहें। उन्हें विज्ञान, संस्कृति, खेल, इतिहास, कला, समाज व दुनिया की जानकारी देने वाली पत्रिकाएं व बढिय़ा स्तर की पुस्तकें बच्चों को पढऩे को दें।
वैसे तो कविता, नाटक, कहानी, लेख, यात्रा वर्णन, महापुरुषों की जीवनियां आदि कुछ भी रुचिकर व ज्ञानवर्धक बाल-साहित्य बच्चों को दिया जा सकता है। पर कहानियां बच्चों को सबसे अधिक प्रिय होती हैं। कहानियों के जरिए जो बात बच्चे के मन-मस्तिष्क पर अंकित हो जाती है वह जीवन भर नहीं मिटती। शिक्षाप्रद व आदर्श कहानियां बच्चों को विचारशील, स्वाभिमान व आत्मनिर्भर बनाती हैं।