स्पेशल डेस्क। सगाई से शादी और शादी से हनीमून तक सब कुछ ठीक चलता है लेकिन जैसे जैसे साल गुजरते हैं प्यार खिड़की-दरवाजों से हवा होने लगता है। लव मैरिज में प्यार कम होने का परसेंट ज्यादा है जबकि अरेंज मैरिज में फिर भी एक कोशिश बरकरार रहती है। आखिर ऐसा क्यों होता है? प्रेमी जब पति/पत्नी बन जाते हैं, तो दूरी क्यों बढऩे लगती है? जो जरूरतें लोगों को साथ लाती हैं, जरूरी नहीं है कि हमेशा वही रिश्ते की बुनियाद बनी रहे।
दरअसल, यह उम्मीद करना कि जो व्यक्ति आपका साथी बना है, वह बिल्कुल आपकी तरह हो, किसी रिश्ते को बर्बाद करने के लिए काफी है। अपने और अपने साथी के बीच की भिन्नताओं को स्वीकार करें, विकसित होने दें और उसका आनंद उठाएं।
गृहिणी प्रतिभा राजोरिया कहती हैं कि वह जमाना गया, जब औरतें शाम को घर की दहलीज पर अपने पति का इंतजार करती थीं। भांति-भांति के व्यंजन बनाने के बाद भी उनका गुस्सा सहती थीं। लेकिन आज जो महिलाएं काम नहीं भी करतीं, तब भी जागरूक हैं अपने अधिकारों के प्रति। एक महिला अगर अपने पति को इज्जत देती है, तो बदले में अपने लिए इज्जत भी चाहती है। यदि हम प्रेम विवाह की ही बात करें, तो विवाह के बाद कई बार रिश्ते में प्यार तो रहता है, पर सम्मान नहीं।
जब पत्नी रहे सिर्फ पत्नी
जब पत्नी केवल पत्नी रह जाती है, प्रेयसी नहीं, तब कई प्रकार की समस्याएं आने लगती हैं। कई महिलाओं के मन में सवाल कौंधता है कि पत्नी की इच्छा के विरुद्ध, जब पति शारीरिक उपभोग करने के लिए बाध्य करते हैं, तो स्त्री की मानसिक हालत कमजोर हो जाती है। उस तनावपूर्ण स्थिति में औरत का क्या कर्तव्य हो सकता है?
एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाली महिला ने बताया कि शादीशुदा जिंदगी को खुशहाल बनाए रखने के लिए वह सेक्स करती हैं। पूरे दिन ऑफिस की टेंशन के बाद मुझे घर में कलह नहीं चाहिए। प्रेमी जब पति बनता है, तो उसके बाद वह हमें अपनी जागीर समझने लगता है। नतीजतन, मैं और मुझ जैसी सैकड़ों महिलाएं बेवजह कलह से बचने के लिए सेक्स करती हैं। उल्लेखनीय है कि टेक्सास यूनिवर्सिटी में साइकॉलजी के प्रोफेसर्स सिंडी मेस्टन और डेविड बस की लिखी किताब व्हाई वुमेन हैव सेक्स (महिलाएं सेक्स क्यों करती हैं) में करीब 200 कारणों को प्रकाशित किया गया है।